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सिबिल स्कोर क्या है – what is cibil score

नोट:- इस पोस्ट में सिबिल स्कोर ओर क्रेडिट स्कोर दो शब्दों का इस्तेमाल हुआ है। वैसे तो यह दोनों सेम ही है। और एक जैसा काम करते है। बस दोनों के एल्गोरिदम अलग अलग है। इसलिए आप इस पोस्ट में दोनों को एक ही मानकर यह पोस्ट पड़े। ओर उन दोनों के बीच का अंतर पोस्ट के नीचे प्रश्नों में पड़ सकते हो।


सिबिल स्कोर 3 अंको का एक नम्बर है। जो आपके क्रेडिट हेल्थ का एक माप है। यह स्कोर 300 से 900 के बीच मे होता है। आप भी अपना सिबिल स्कोर चेक कर सकते हो। सिबिल स्कोर से यह पता चलता है कि आपको लोन मिल सकता है या नही। ओर लोन मिलेगा तो कम ब्याज पर मिलेगा या ज्यादा ब्याज पर मिलेगा। 900 सिबिल स्कोर अधिकतम ऋण योग्यता को दर्शाता है। और 300 सबसे कम क्रेडिट स्कोर है। यह सिबिल स्कोर हमेशा कम-ज्यादा होता रहता है। इसलिए कोशिश करे कि आप अपने सिबिल स्कोर को हमेशा 700 से ऊपर ही रखे। इसे अच्छा क्रेडिट स्कोर माना जाता है। और आपको लोन मिलने में आसानी हो जाती है। कुछ ऐसी एक्टिविटी है, जब आप वो करते हो तो आपका क्रेडिट स्कोर बढ़ता है। और कुछ काम ऐसे भी है, जिन्हें करने से आपका क्रेडिट स्कोर कम भी होता है। तो आज हम इस पोस्ट में बताएंगे कि आप कैसे अपना क्रेडिट स्कॉर बड़ा सकते हो।

क्रेडिट स्कोर कम्पनी

भारत में रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) द्वारा 4 क्रेडिट स्कोर प्रदान करने वाली कंपनी को लाइसेंस प्राप्त है। सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों के पास अपना खुद का डेटाबेस होता है। जिसमे वो सभी लोगो का क्रेडिट स्कोर अपडेट करते रहते है। इन चार कम्पनियों में “सिबिल” सबसे अधिक लोकप्रिय कम्पनी है।

Cibil score company

सिबिल रिपोर्ट व सिबिल स्कोर में क्या अंतर है?

वैसे तो सिबिल रिपोर्ट और सिबिल स्कोर दोनों ही लोन आवेदन की स्वीकृति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पर इन दोनों में कुछ अंतर भी है।

Cibil score

फ्री में सिबिल स्कोर ऑनलाइन कैसे चेक करें?

वेसे तो आप सिबिल स्कोर बताने वाली काफी सारी वेबसाइट ओर apps है। आप अपने phone pay ओर paytm से भी क्रेडिट स्कोर चेक कर सकते हो। आप गूगल पर “क्रेडिट स्कोर चेक” लिखोगे जिसमे काफी सारी वेबसाइट आ जायेगी। फिर भी हम सिबिल की ऑफिशियल वेबसाइट से क्रेडिट स्कोर चेक करने की प्रोसेस देख लेते है।

  • सबसे पहले आप सिबिल की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं। वेबसाइट का लिंक यह है।
    https://www.cibil.com/
  • वेबसाइट पर जाने के बाद आपको वहां अपना अकाउंट बनाना होगा। आप अपना यूजरनेम और पासवर्ड बनाये। ईमेल आईडी ओर मोबाइल नम्बर भी डाले।
  • आपको अपने पेन कार्ड और आधारकार्ड की भी जानकारी देनी होगी।
  • फिर आपके फोन पर OTP आएगा। जिसे डालकर आप अपने नम्बर को वेरिफाई करे।
  • इसके बाद आप अपना अपना सिबिल स्कोर और सिबिल रिपोर्ट देख सकते हो। ओर पता कर सकते हो कि आपका सिबिल स्कोर क्या है।
  • सिबिल स्कोर अगर कम है तो आप उसे बढ़ाने की कोशिश करे।

सिबिल स्कोर रेंज

यदि आपका सिबिल स्कोर 750 से अधिक है तो। आपको लोन मिलने के बहुत ज्यादा चांस है। अच्छे सिबिल स्कोर वाले आवेदकों को 80% लोन की स्वीकृति दी जाती है। इसलिये जब भी आप लोन लेने की या क्रेडिट कार्ड लेने की प्लानिंग करे। तो आप पहले अपना क्रेडिट स्कोर चेक कर ले।

सिबिल स्कोर की गणना कैसे की जाती है?

अब हम बात करेंगे कि आपके सिबिल स्कोर की गणना केसे की जाती है। आप जिस तरह की फाइनेंशियल एक्टिविटी करते हो। उसी का प्रभाव आपके क्रेडिट स्कोर भी पड़ेगा।

क्रेडिट मिक्स

क्रेडिट मतलब होता है लोन। जब आप अलग अलग प्रकार के लोन लेते हो तो उसे क्रेडिट मिक्स बोला जाता है। क्रेडिट मिक्स (Credit Mix) एक महत्वपूर्ण कारक होता है। जो आपके क्रेडिट स्कोर को प्रभावित करता है। यह आपके क्रेडिट अकाउंट्स की विविधता को बताता है।

जैसे:- क्रेडिट कार्ड, पर्सनल लोन, होम लोन, ऑटो लोन, अन्य ऋण

एक अच्छा क्रेडिट मिक्स आपके क्रेडिट स्कोर को बढ़ाता है। क्योंकि इससे पता चलता है कि, आप विभिन्न प्रकार के लोन सम्भालने में सक्षम हो।

कर्ज़ व आय का अनुपात

यह वाला पॉइंट बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है। और यह सीधे सीधे आपके क्रेडिट स्कोर को प्रभावित करता है। यह अनुपात आपके कुल ऋण और आपकी मासिक आय के बीच के संबंध को दर्शाता है।

सिबिल स्कोर में कर्ज़ व आय के अनुपात का गणना ऐसे किया जाता है।

1. कुल ऋण : आपके सभी ऋणों की कुल राशि को गणना किया जाता है, जिसमें क्रेडिट कार्ड, पर्सनल लोन, होम लोन, और अन्य ऋण शामिल हैं।

2. मासिक आय : आपकी मासिक आय को गणना किया जाता है।

3. अनुपात : कुल ऋण और मासिक आय के बीच का अनुपात निकाला जाता है।

उदाहरण के लिए:

– कुल ऋण: ₹5,00,000 (क्रेडिट कार्ड, व्यक्तिगत0 ऋण, होम लोन)
– मासिक आय: ₹50,000
– अनुपात: (₹5,00,000 ÷ ₹50,000) = 10%

सिबिल स्कोर में कर्ज़ व आय का अनुपात क्यों महत्वपूर्ण है

1. क्रेडिट स्कोर : यह अनुपात आपके क्रेडिट स्कोर को प्रभावित करता है। यदि आपका अनुपात उच्च है, तो आपका क्रेडिट स्कोर कम हो सकता है।

2. ऋण पात्रता : यह अनुपात आपकी ऋण पात्रता को प्रभावित करता है। यदि आपका अनुपात उच्च है, तो आपको ऋण प्राप्त करने में कठिनाई हो सकती है। ओर लोन मिल भी जाएगा तो आपसे ज्यादा ब्याज दर वसूली जाएगी।

3. ब्याज दरें : यह अनुपात आपके ऋण पर ब्याज दरों को प्रभावित करता है। यदि आपका अनुपात उच्च है, तो आपके ऋण पर ब्याज दरें अधिक हो सकती हैं। जिससे आपके ऊपर ही एक्स्ट्रा लोड आएगा।

सिबिल स्कोर में कर्ज़ व आय का अनुपात कैसे सुधारा जा सकता है:

1. ऋण को कम करें : अपने ऋण को कम करने के लिए नियमित भुगतान करें।

2. मासिक आय को बढ़ाएं : अपनी मासिक आय को बढ़ाने के लिए नई नौकरी की तलाश करें या अपनी वर्तमान नौकरी में वेतन वृद्धि के लिए प्रयास करें।

3. ऋण प्रबंधन : अपने ऋण को मैनेज करने के लिए ऋण प्रबंधन योजना बनाएं।

लोन का रिपेमेंट

आपने जो लोन लिया है, उसकी emi टाइम पर भरे। ओर डिफॉल्ट करने से बचे। डिफॉल्ट का मतलब है लोन ना चुकाना। इसलिए ऐसी गलती बिल्कुल मत करना। यदी आपने लोन डिफॉल्ट कर दिया। तो आपका क्रेडिट स्कोर कम हो जाएगा। और भविष्य में आपको लोन मिलना बहुत ही मुश्किल हो जाएगा। आपके सिबिल स्कोर को नकारात्मक रूप से प्रभावित करने के दो कारक हो सकते हैं। देर से भुगतान ओर डिफ़ॉल्ट करना। इसलिए यह दोनों काम करने से बचे।

ऋणदाताओं द्वारा बार क्रेडिट स्कोर चेक करना।

आप जब भी किसी बैंक या किसी ऋणदाता से लोन के बारे में पूछते हो तो वो आपका क्रेडिट स्कोर चेक करते है। और आप ऐसा अलग बैंकों में ओर अलग जगहों पर कर रहे हो तो, इससे भी आपका क्रेडिट स्कोर कम होता है।

यदि आपने हाल ही में कोई लोन और क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन दिया हो या फिर लोन की मंजूरी मिली हो। तब ज्यादा क्रेडिट एप्लिकेशन आपके लोन के लोड को दिखाता है। ऐसे में ऋणदाता आपकी प्रोफाइल को अच्छे से चेक करेगा।

नकारात्मक स्थितियां

क्रेडिट स्कोर कम होने के ओर भी बहुत सारे कारण है। जैसे की लोन खारिज होना, दिवालियापन घोषित होना। समय से पहले लोन बंद होना, डिफॉल्टर साबित होना। यह कारण भी आपके सिबिल स्कोर को कम कर देते है।

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